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नई दिल्ली: गुरुवार को Zee TV और इन्वेस्को (Invesco) विवाद की सुनवाई नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल यानी NCLT में हुई और इसमें ज़ी को एक बड़ी कामयाबी मिली है. NCLT ने Zee को अपना पक्ष रखने के लिए और समय दे दिया है. NCLT ने कहा है कि ZEEL को अपना जवाब दाखिल करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया और ये न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है. अब Zee का पक्ष सुनने के बाद ही NCLT इस पर कोई फैसला सुनाएगा.
ये आत्मसम्मान और विश्वास को बचाने की लड़ाई है
बुधवार को Zee Tv के संस्थापक डॉ सुभाष चंद्रा ने इंटरव्यू में साफ कहा था कि इन्वेस्को, ज़ी टीवी का मालिक नहीं है बल्कि ज़ी टीवी के असली मालिक वो ढाई लाख शेयर होल्डर्स हैं जो Zee Tv के छोटे-छोटे निवेशक हैं. ज़ी टीवी को बचाने की लड़ाई शेयर्स और स्टॉक्स को बचाने की लड़ाई नहीं है बल्कि ये आत्मसम्मान की लड़ाई है और उन ढाई लाख लोगों के विश्वास को बचाने की लड़ाई है जिन्होंने ज़ी टीवी में निवेश करके ना सिर्फ एक चैनल को मजबूत बनाया बल्कि देश को भी मजबूत बनाया.
भारतीय सस्कारों पर नहीं आने दी आंच
ज़ी टीवी भारत का पर्याय है. ज़ी के साथ भारत की पीढ़ियां बड़ी हुई हैं और जैसे-जैसे भारत बदला ज़ी टीवी भी बदलता रहा. ना सिर्फ बदलता रहा बल्कि ज़ी ने अपने भारतीय सस्कारों पर आंच नहीं आने दी. Zee TV भारत का पहला प्राइवेट सेटेलाइट चैनल था और ज़ी के साथ ही भारत में एक नए उद्योग की शुरुआत हुई जिसने ना सिर्फ कई लोगों को बुलंदियों तक पहुंचाया बल्कि पहली बार भारत के परिवारों को एक साथ बैठकर टीवी देखना सिखाया. डॉ सुभाष चंद्रा Zee TV की इस पूरी यात्रा के सबसे बड़े गवाह रहे हैं. मंगलवार को वो इस यात्रा के अपने अनुभव साझा करते हुए बहुत भावुक हो गए थे.
करोड़ों लोग आकर खड़े हो गए ZEE के पीछे
डॉ चंद्रा के इंटरव्यू के बाद पूरे देश का माहौल ऐसा बदला कि दर्शक भावुक हो गए. करोड़ों लोग Zee के पीछे आकर खड़े हो गए और लोगों ने Social Media पर लिखना शुरू कर दिया कि वो देश के Zee पर आंच नहीं आने देंगे. Twitter पर अविनाश नाम के एक व्यक्ति ने लिखा कि उनके पास Invesco के कुछ शेयर हैं और वो इन्हें बेचकर Zee TV के शेयर खरीद लेंगे क्योंकि कोई उनसे उनके बचपन के वो अनुभव नहीं छीन सकता जो Zee TV ने उन्हें दिए हैं. इसी तरह गौतम सागर नाम के एक Twitter User ने भी लिखा कि वो भी Zee के शेयर खरीदेंगे क्योंकि बूंद बूंद से पूरे समुद्र का निर्माण भी संभव है. पंकज गोयल ने लिखा कि Zee देश का था और देश का रहेगा क्योंकि Zee के सपनों को सच करने के लिए खून और पसीना बहाया गया है और इसने देश के करोड़ों लोगों के सपनों को पूरा किया है.
ट्विटर पर छिड़ी मुहिम
इस दौरान लोग एक दूसरे को Twitter पर टैग करने लगे और इस मुहिम को आगे बढ़ाने की अपील करने लगे. इसका नतीजा ये हुआ कि कल रात भारत में Zee TV और इससे जुड़े कम से कम पांच हैशटैग टॉप ट्रेंड में शामिल हो गए. हैशटैग Desh Ka Zee भारत में नंबर एक पर ट्रेंड कर रहा था और ये दुनिया के भी टॉप ट्रेंड में शामिल था. इसके अलावा हैशटैग Subhash Chandra, Zeel, Zee Tv और Invesco भी ट्रेंड कर रहा था. हैशटैग Desh Ka Zee 450 करोड़ लोगों तक पहुंचा और 1 लाख 27 हजार से ज्यादा लोग इसके साथ जुड़े और ये हैशटैग 19 घंटो तक चॉप ट्रेंड्स में रहा.
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करोड़ों लोगों ने दिया समर्थन
सिर्फ Twitter पर ही नहीं बल्कि Facebook, Youtube और Instagram पर भी करोड़ों लोगों ने हमें अपना समर्थन दिया. कल प्रसारित हुए इस इंटरव्यू को कल रात 12 बजे तक Zee News के अलग अलग Digital Platforms पर 30 लाख लोगों ने देखा और Zee के 17 अलग-अलग चैनलों के डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर 52 लाख लोगों ने देखा. अगर इसमें विदेशी दर्शकों की संख्या भी जोड़ ली जाए तो ये सवा करोड़ से ज्यादा हो जाती है. ये सिर्फ कल रात 12 बजे तक के आंकड़े हैं और इसमें TV देखने वालों के आंकड़े शामिल नहीं हैं. औसतन एक करोड़ लोग हर रोज DNA देखते हैं और इसमें Zee के दूसरे चैनल्स के दर्शकों की संख्या को भी जोड़ दिया जाए तो आप कह सकते हैं कि इस इंटरव्यू को अब तक 10 करोड़ से ज्यादा लोग देख चुके हैं. अमेरिका के सबसे मशहूर News Show हैनिटी को भी हर रात सिर्फ 30 लाख दर्शक ही TV पर देखते हैं.
Zee News के दर्शकों की भी सफलता
Zee News दुनिया के 180 देशों में देखा जाता है इसलिए हम बाकी जगहों से अभी और आंकड़े जुटा रहे हैं यानी इस इंटरव्यू को देखने वालों की संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है. सुबह होते होते इस इंटरव्यू की चर्चा देश और दुनिया के मीडिया में भी होने लगी. भारत के बड़े-बड़े अखबारों ने इस इंटरव्यू को कोट किया. ये सिर्फ हमारी ही नहीं बल्कि Zee TV और Zee News के दर्शकों की भी सफलता है क्योंकि जब किसी मिशन के लिए करोड़ों अलग-अलग अंगुलियां एक मुट्ठी में बदल जाती हैं तो इसका प्रहार बड़े से बड़ा आक्रमणकारी भी सह नहीं पाता.